कदम 11: क्रिसमस कि कहानी – परमेश्वर ने अपने पुत्र को भेजा

हज़ारों साल पहले, प्रभु यीशु के जन्म होने से पहले परमेश्वर ने एक भविष्यवक्ता, यशायाह को यीशु के बारे में घोषणा करने के लिए कहा, “एक कुवांरी गर्भवती होगी और पुत्र जनेगी, और उसका नाम इम्मानुएल रखा जायेगा – जिसका अर्थ है परमेश्वर हमारे साथ” यशायाह 7:14, मत्ती 1:23 पूरे पुराने नियम के माद्य्यम से Read More …

कदम 10: परमेश्वर का अद्भुत प्यार हमारे लिए

आदम और हव्वा पाप करके परमेश्वर से अलग हो गये |और उनका संबंध परमेश्वर से टूट गया |लेकिन परमेश्वर हमसे प्यार करते हैं |वो हमारे पापों से घृणा करते है परंतु उन्होंने हमसे प्रेम रखना बंद नहीं किया |वे जानते थे की हमारे पापों को दूर करने के लिए हम स्वयं कुछ नहीं कर सकते Read More …

कदम 9: आदम और हव्वा और उनके पाप

परमेश्वर ने जो पहला आदमी और औरत को रचा, उनका नाम आदम और हव्वा था| उनकी कहानी बाइबिल की पहली पुस्तक उत्पत्ति में है|परमेश्वर उनके साथ हर रोज चलते थे और बात चीत करते थे |क्या आप कल्पना कर सकते है की सर्वशक्तिमान परमेश्वर सारे आकाश और पृथ्वी के निर्माता उनके साथ समय बिताना चाहते Read More …

कदम 8: परमेश्वर हमारे सृष्टिकर्ता

बाइबिल हमें बताती है “क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम किया कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे वह नष्ट न हो, परंतु अनन्तजीवन पाए |परमेश्वर खुद के प्यार के बारे में बाइबिल में क्या बताते है? उत्पत्ति 1:1 – यह बाइबिल में सबसे पहला वचन है, Read More …

कदम 7 : पवित्र बाइबिल – परमेश्वर हमसे बातें करते हैं

क्या आपको प्रार्थना में ईश्वर से बात करने का और उसके द्वारा आपकी प्रार्थनाओं का  सुना जाना – क्या आपको इसका अनुभव है ? आप परमेश्वर की प्रतीक्षा कर सकते है कि वह आप से बात करें और आपकी प्रार्थना का जवाब दे |परमेश्वर बाइबिल के माध्यम  से हमसे बातें करते है|  यही कारण है Read More …

कदम 6: प्रार्थना – कैसी करना चाहिये

प्रभु यीशु ने अपने अनुयायियों को प्रार्थना करना सिखाया, यदि आप उनसे मांगोगे तो वोआपको भी सिखाने को तैयार है|मेरी प्रार्थना है, प्रभु यीशु मैं आप की आराधना करती हूँ, मैं आपके सामने अपना सिर झुकाती हूँ | आप सर्वशक्तिमान परमेश्वर है | आप मेरे उद्धार कर्ता है | मैं आपकी स्तुति करती हूँ | Read More …

कदम 5: प्रार्थना — परमेश्वर से बातचीत

आपने प्रभु यीशु की आज्ञा पालन करने का फैसला किया है | आप सोच रहे होंगे मैं उनसे कैसे बात करूँ |परमेश्वर से बात करना “प्रार्थना” कही जाती है |हमारे हर दिन के अध्ययन के अंत में, प्रभु यीशु के लिए प्रार्थनाएं थी | यदि आप ने आवाज उठाकर या सच्चे विश्वास के साथ अपने Read More …

कदम 4: अँधेरे से प्रकाश (ज्योति) में

मैं अपने जीवन की गफलत में खो गया था और अँधेरे में ठोकरें खाते हुए आशा के बिना चल रहा था |एक दिन मैं ने सुना कि प्यार से भरी एकआवाज मेरा नाम लेकर मुझे बुलारही है |  यह प्रभु यीशु की आवाज थी | उन्हों ने कहा ” मैं दुनिया कि रोशनीं हूँ, मेरा Read More …

कदम 3: प्रभु यीशु बिना – अँधेरे में

प्रभु यीशु के पास आने से और उन्हें अपने जीवन का प्रभु बनाने से पहले, मैं अपने बलबूते पर अपना जीवन जीने की कोशिश कर रहा था। मुझे नहीं पता था कि आगे क्या होने वाला है। मैं ने कई योजनाएं बनाई, लेकिन मुझे यकीन नहीं था कि वे सफल होंगीं। मुझे ऐसा लग रहा Read More …

कदम 2: माफ़ी और प्रभु येशु में एक नया जीवन

मैं कल्पना नहीं कर सकता कि परमेश्वर स्वयं धरती पर मेरे पापों का दाम चुकाने के लिए आए | मैं अपने  पापी जीवन को याद करता हूँ । मैं अपने दिल में  सभी गलत विचारों को याद करता हूँ  और परमेश्वर के नियमों के खिलाफ जो गलत बातें मैंने कही है और किया है, मैं Read More …