कदम 21: शैतान – परमेश्वर का शत्रु – हमारा शत्रु

क्या आपने कभी इस दुनिया की बुराई के बारे में सोचा है वह कहां से आती है और उसके पीछे कौन है ? क्या आपने एक ऊंची आवाज़ अपने अंदर सुनी है जो कहती है कि दुनिया में ऐश करो और आपको ये गलत लगती है | बाइबिल के अनुसार हर बुराई के पीछे शैतान Read More …

कदम 20: स्वर्ग – परमेश्वर के घर पहुंचना

हर व्यक्ति चाहे किसी भी धर्म का क्यों न हो स्वर्ग जाना चाहता है | वे जानते हैं कि स्वर्ग एक अति सुन्दर जगह है| वे कई उपाय करते हैं वहाँ जाने के लिए जैसे भले काम करना, दान देना, परेशान लोगों  की मदद  करना | वे सोचते है कि अपने अच्छे कामों से स्वर्ग Read More …

कदम 19: स्वर्ग हमारा अनंत वास

स्वर्ग का विचार आते ही मैं ख़ुशी से एक गीत गाता हूँ जो मुझे याद है | स्वर्ग एक सुन्दर जगह है महिमा और अनुग्रह से भरा हुआ वहाँ अपने उद्धारकर्ता को देखता हूँ स्वर्ग एक सुन्दर जगह है स्वर्ग एक ऐसी जगह है जहाँ परमेश्वर की महिमा भरी हुई है | वह एक अति Read More …

कदम 18: पवित्र आत्मा हमारा सहायक और मार्गदर्शक

प्रभु यीशु ने क्रूस पर अपनी जान देने से पहले अपने शिष्यों से कहा: जब वह अर्थात् सत्य का आत्मा आएगा तो तुम्हें सब सत्य का मार्ग बताएगा| यूहन्ना 16 :13 जब प्रभु यीशु स्वर्ग चले गए, पवित्र आत्मा सारे शिष्यों के ऊपर आ गया | वे ज्ञान और शौर्य और हिम्मत से भर गये Read More …

कदम 17: परमेश्वर – पवित्र आत्मा

पवित्र आत्मा कौन है ? आप सोच सकते हैं | मरने से पहले प्रभु यीशु ने अपने शिष्यों से कहा कि वे परमेश्वर के पास जा रहे हैं, जो उनके पिता हैं | इस बात को सुनकर शिष्य दुखी हो गये|उन्हों ने उनको सन्तावना देते हुए कहा – मेरा पिता तुम्हें एक सहायक देगा, वो Read More …

कदम 16: प्रभु यीशु – हमारा जीवित उद्धार कर्ता

शिष्यों ने प्रभु यीशु को पीड़ित हो कर क्रूस पर मरते हुए देखा |उनके बिना वे अपने आप को भयभीत, अकेला और डरा हुए महसूस कर रहे थे |  तीसरे दिन जो रविवार  था  उनमे से कुछ कब्र के पास गए और वहां पर वे आश्चर्य चकित हो गए |खुली कब्र के पास एक स्वर्गदूत Read More …

कदम 15 : प्रभु यीशु — क्रूस पर हमारे पापों के लिए

प्रभु यीशु – दुनिया के उद्धार कर्ता | समय आ गया प्रभु यीशु को अपना काम करने के लिए : “वो पापियों को बचाने दुनिया में आए” – 1 तिमोथी 1:15. उन्होंने अपने शिष्यों से कहा कि वे मरने जा रहे हैं | इस बात को सुनकर उनके शिष्य दुखी हो  गये | लेकिन उन्होंने Read More …

कदम 14: गुरु के चरणों में बैठना

क्या आप तैयार हैं इस सफर में आगे बढ़ने के लिए जो हम ने शुरू किया था अपने प्रभु के साथ | मैं तैयार हूँ, अगर आप भी तैयार हैं तो चलो चलते हैं |हमने उनके अद्भुत कार्यों को देख लिया, अब उनके चरणों के पास बैठ कर सुनेंगे वे हमसे क्या कहना चाहते हैं Read More …

कदम 13: यीशु मसीह — आश्चर्य कर्म करने वाला प्रभु

प्रभु यीशु तीस साल के हैं, वे अपना काम पूरा करने के लिए अपना घर छोड़ रहे हैं, उनके  शिष्य बनकर क्या हम उनका अनुसरण करेंगे । अब जहाँ वे जाते हैं उनके  पीछे चलकर, उनकी वाणी को सुनेंगे और देखेंगे कि वे क्या करते हैं |मैं उत्साहित हूँ मुझे यकीन है कि आप भी Read More …

कदम 12: क्रिसमस की कहानी — परमेश्वर हमारे साथ

जब बच्चे का जन्म होने का समय आ गया, मरियम और युसूफ घर से दूर बेतलेहेम में थे |सराय में उनके लिए कोई जगह नहीं थी| उनके बच्चे का जन्म एक पशुशाला की चरणी में हुआ और उसकी माता ने उसे चरणी में रख दिया | परमेश्वर का पुत्र इस पापी दुनिया में आप के Read More …