कदम 26: चर्च में परमेश्वर की आराधना करें

आज रविवार है |और मसीहियों के साथ मैं भी जा रहा हूँ परमेश्वर की आराधना करने | मैं कितना प्रसन्न हूँ कि आपने भी मन बना लिया है मेरे साथ आने के लिए |

मसीही हर रविवार को कलीसिया जाते हैं | प्रभु यीशु मसीह रविवार को कब्र से जीवित होकर बाहर आये | यह सप्ताह का पहला दिन है |इसलिए पूरे विश्व में मसीह लोग कलीसिया जाते हैं आराधना करने के लिए | रविवार का दिन प्रभू के नाम से जाना जाता है, प्रभु की आराधना करने को |

चर्च के ऊपर आपने एक बहुत बड़ा क्रूस देखा होगा | सारे चर्चों में आप ऊपर क्रूस को देख सकते हैं | और अंदर आराधना वाले कमरे में भी देख सकते हैं |मसीहियों के लिए यह एक कीमती चिह्न है | यह प्रभु यीशु के बलिदान को हमें याद दिलाता है |

चलो हम अंदर जाकर शांतिपूर्वक कुर्सी पर बैठ जाए और दूसरे मसीहियों को भी देखें, जो वहां आये हैं | हम खामोशी के साथ अपनी आत्मा को तैयार करें आराधना करने के लिए |सुन्दर संगीत वाद्य बजाये जा रहे हैं | जैसे हम परमेश्वर पर पूरा मन लगाते हैं हमारे अंदर आत्मा स्थिर हो जाती है परमेश्वर की आराधना करने के लिए | यह हमारे पास्टर  जी हैं | यह हमारे आत्मिक अगुवा हैं और यह आराधना शुरू करते हैं | ख़ुशी के गीत गाये जाते हैं और स्तुति की जाती है, प्रभु यीशु की | पास्टर प्रार्थना करते हैं, सन्देश देते हैं और आशीष देकर आराधना समाप्त करते हैं |आराधना के बाद हम दूसरे मसीहियों से मिलते हैं | हम एक ही मसीह परिवार के  माने जाते हैं | ये हमारे भाई बहिन हैं | परमेश्वर के बेटे को हमने अपना मुक्तिदाता माना है |बाइबिल में राजा दाऊद जो बहुत बड़े राजा थे उन्होंने, यूँ लिखा है : “मैं प्रसन्न हुआ जब उन्होंने मुझसे कहा चलो हम परमेश्वर के भवन को चलते हैं |” – भजन संहिता 122: 1

प्रार्थना : सर्व शक्तिमान परमेश्वर, विश्वासी लोगों के साथ हमने भी आराधना की, इसके लिए धन्यवाद | 

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