कदम 19: स्वर्ग हमारा अनंत वास

स्वर्ग का विचार आते ही मैं ख़ुशी से एक गीत गाता हूँ जो मुझे याद है |

स्वर्ग एक सुन्दर जगह है

महिमा और अनुग्रह से भरा हुआ

वहाँ अपने उद्धारकर्ता को देखता हूँ

स्वर्ग एक सुन्दर जगह है

स्वर्ग एक ऐसी जगह है जहाँ परमेश्वर की महिमा भरी हुई है | वह एक अति सुन्दर जगह है | वह एक महिमायुक्त स्थान है जहां परमेश्वर वास करता है | प्रभु यीशु ने स्वर्ग को “मेरे पिता का घर” कहकर पुकारा | हमारे स्वर्गीय पिता के घर में  परमेश्वर पिता और प्रभु यीशु मसीह के साथ हमें भी जगह मिलना, कितनी अद्भुत बात है |स्वर्ग में अनगिनित स्वर्ग दूत हैं जो रात दिन परमेश्वर की तारीफ़ करते हैं, गीत गाते हैं, और दिन रात उसकी सेवा करते हैं | यह एक आश्चर्य चकित करने वाला दृश्य होगा |परमेश्वर कहता है स्वर्ग में दुःख और दर्द नहीं है | परमेश्वर स्वयं हमारे आसूं पोछ देगा | पृथ्वी की परीक्षाओं के बाद परमेश्वर स्वयं हमें सांत्वना देगा |हम अपने प्रियजनों को देखेंगे, जिन्होंने प्रभु पर विश्वास रखते हम से पहले इस दुनिया के सफर को ख़त्म किया | यह कितना ख़ुशी की बात है कि हम स्वर्ग में अपने प्रियजनों को फिर से देख पाएंगे |

बाइबिल बताती है :  जो बातें आँख ने नहीं देखीं और कान ने नहीं सुनीं, और जो बातें मनुष्य के चित में नहीं चढ़ी, वे ही हैं जो परमेश्वर ने अपने प्रेम रखने वालों के लिए तैयार की हैं | 1 कुरिन्थियों 2: 9 स्वर्ग के बारे में मैं हमेशा सोचता हूँ कि, जब मैं वहां पहुंचूंगा, तब प्रभु यीशु मेरा हाथ पकड़ कर मुझे परमेश्वर के पास ले जाऐंगे और मुस्कुराकर परमेश्वर अपने पिता से कहेंगे, “पिता ये है आपकी संतान” | पिता मुझे अपनी बाँहों में ले लेंगे | मैं ने इस प्यार और खुशी को अपने दिल में एहसास किया, एक दिन ये वास्तविकता में बदल जाएगा | सिर्फ प्रभु यीशु ही मुझे, परमेश्वर पिता जो स्वर्ग में है उनके पास ले जा सकते हैं |

प्रार्थना :  प्रभु यीशु, मैं धन्यवाद करता हूँ कि आपने स्वर्ग में मेरे लिए जगह तैयार किया है ताकि मैं आप के साथ हमेशा रह सकूँ |

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