कदम 10: परमेश्वर का अद्भुत प्यार हमारे लिए

आदम और हव्वा पाप करके परमेश्वर से अलग हो गये |और उनका संबंध परमेश्वर से टूट गया |लेकिन परमेश्वर हमसे प्यार करते हैं |वो हमारे पापों से घृणा करते है परंतु उन्होंने हमसे प्रेम रखना बंद नहीं किया |वे जानते थे की हमारे पापों को दूर करने के लिए हम स्वयं कुछ नहीं कर सकते हैं | इसलिए उन्होंने अपने बेटे प्रभु यीशु मसीह को क्रूस पर मरने के लिए और हमारी सजा अपने ऊपर ले लेने के लिए भेजा | क्या आप परमेश्वर से आपके अपने लिए और मेरे लिए इतने अधिक प्यार की कल्पना कर सकते हैं |

बाइबिल में यूहन्ना 1:12, हमें बताता है :” परंतु जितनों ने उसे ग्रहण किया, उसने उन्हें परमेश्वर की संतान होने का अधिकार दिया “|आप और हम इसमें शामिल हैं और जब हम प्रभु यीशु को अपने उद्धार कर्ता के रूप में स्वीकार करते हैं तो वे हमें क्षमा करते हैं | परमेश्वर ने हमारे पापों को मिटा दिया है | उन्होंने हमें साफ़(पवित्र) कर दिया |

अब हम दौड़ कर उन्हें पिताजी कह कर पुकारते हैं वे बाहें फैलाकर हमारा स्वागत करते हैं | जब हम उनके पास जाकर यह कहते हैं कि, हम उनसे प्रेम करते हैं, तो वे खुश हो जाते हैं | परमेश्वर के परिवार का हिस्सा बनने में इतनी ख़ुशी है | परमेश्वर को स्वर्गीय पिता के रूप में पाने का हमें एक विशेष अधिकार है | उनके परिवार में हमारा फिर से जन्म हुआ है |बाइबिल में लिखा है यूहन्ना 3:16 – में :क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे वह नष्ट न हो, परंतु अनंत जीवन पाए |

प्रार्थना :  प्रिय स्वर्गीय पिता,   मैं आपको धन्यवाद देता हूँ कि मैं आप की संतान हूँ , और आप मुझसे प्रेम करते हैं , और आपने  अपने एकलौते पुत्र को  मेरे लिए कुर्बान किया |

 

 

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