बाइबिल हमें बताती है “क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम किया कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे वह नष्ट न हो, परंतु अनन्तजीवन पाए |परमेश्वर खुद के प्यार के बारे में बाइबिल में क्या बताते है? उत्पत्ति 1:1 – यह बाइबिल में सबसे पहला वचन है, यह कहता है “आदि में परमेश्वर ने आकाश और पृथ्वी की सृष्टि की | उन्हों ने सूरज, चाँद, सितारों और आकाश गंगाओं को बनाया, उन्होंने पहाड़ों, नदियों, झीलों और झरनों को भी बनाया, उन्होंने सभी पौधों ,फूलों और पेड़ों की रचना की, सभी जानवरों और पक्षिओं और पृथ्वी पर रहने वाले जानवर और विशाल समुद्रों में रहने वाले जीव जंतुओं को भी बनाया | (उपरोक्त सभी की सृष्टि परमेश्वर ने अपने वचनों(शब्दों) के कहे जाने के द्वारा की।)
उन्होंने सब कुछ बनाया है और हमें उनका आनंद लेने के लिए दिया | जब मैं अपने चारों ओर प्रकृति की सुंदरता को देखता हूँ मैं दिल से हमारे सृष्टिकर्ता परमेश्वर को धन्यवाद देता हूँ |
परमेश्वर ने हममे से हर एक को बनाया |आप और हम अद्वितीय है , इस पृथ्वी पर रहने वाले अरबों लोगों के बीच आप के और मेरे जैसे पहले कोई न था न अब कोई होगा | क्या यह अद्भुत नहीं है ? हम परमेश्वर केलिए बहुत ख़ास हैं |
परमेश्वर ने हमें नाम से बुलाया है | यशायाह 43:1 में वे कहते है: “ मैं ने तुझे नाम लेकर बुलाया है, तू मेरा ही है|” |
प्रार्थना : धरती और आसमान रचनेवाले सर्वशक्तिमान परमेश्वर , मैं आप को धन्यवाद देता हूँ क्योंकि आपने मुझे एक अनोखे और अद्भुत तरीके से रचा |