कदम 31: प्रार्थना आप के लिए, मेरे दोस्त

हम इन 30 बुनियादी सबकों को लेकर चले हैं – पहला कदम प्रभु यीशु मसीह के साथ – जैसा मुझे लगा ,ये यात्रा आप को भी आकर्षित लगी होगी l जैसे हम दोनों ने यीशू का हाथ पकड़ कर उनका अनुसरण किया , आप को भी अच्छा लगा होगा l मैं विश्वास करता हूँ कि परमेश्वर आपके भी मुक्तिदाता हो चुके होंगे l जैसे वे मेरे प्यारे दोस्त हैं, आप के भी हो गये होंगे l

यह सुन्दर गीत बताता है – प्रभु यीशु के साथ चलने के बारे में:

वह कितना अद्भुत, अद्भुत दिन है, वह दिन मैं कभी नहीं भूल सकता l      
जब मैं अँधेरे में भटक रहा था, यीशु मेरा मुक्तिदाता मुझे मिला l
वह कितना  कोमल और दयालु दोस्त, वह मेरे जीवन की आशा को करता पूरा l 
दुःख दूर हो गया, आनंद से मैं बता रहा उसने हर अँधेरे को हरा दिया l

स्वर्ग नीचे आ गया आनंद से मेरी आत्मा भर गयी l
जब मेरा मुक्तिदाता, जब क्रॉस पर मुझे पूरा बनाया l
मेरे पाप धुल गए और मेरी रात दिन में बदल गयी l
स्वर्ग नीचे आया, और मेरी आत्मा आनंद से भर गयी |

मेरे दोस्त, मैं यह विश्वास से प्रार्थना करूँगा कि यह गीत आप को बताए, कि प्रभु यीशु मसीह कितना अद्भुत है, और उनके साथ चलने में आनंद है | मैं आप के लिए प्रार्थना करूँगा कि आप का प्यार और विश्वास प्रभु में बढ़ता रहे, और आप दिन प्रति दिन परमेश्वर में बढ़ते जाऐं |

“इसलिए परमेश्वर ने यीशु मसीह को ऊँचा किया और धरती पर उसको वह नाम दिया जो हर एक नाम से ऊँचा है | यीशु मसीह के नाम पर हरएक घुटना टेकें, धरती पर और धरती के नीचे, और परमेश्वर पिता की महिमा के लिए हरएक जीभ अंगीकार करेगी कि यीशु मसीह ही प्रभु है |” फिलिपिओं 2: 9 – 11

 

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