प्रभु यीशु मसीह को जानने से पहले मैं ऐसा सोचता था कि मैं छोटी सी पिन चुरा लूं – यह बड़ी चोरी नहीं जैसे बैंक को लूटना, यदि मैं किसी से नफरत करूं और उसका बुरा हो जाये तो मुझे बेहद ख़ुशी मिलती थी मैंने कुछ नहीं किया उसे चोट पहुँचाने को | मैं अपराधियों की तरह जेल में नहीं हूँ, इसलिए मैं बुरा व्यक्ति नहीं हूँ | मैं पापी नहीं हूँ | मुझे परमेश्वर से माफी मांगने की आवश्यकता नही |
परमेश्वर की बुनियादी आज्ञाओं के बारे में मैं कितना गलत था – निर्गमन 20: 3 – 17 उन “दस आज्ञाओं “ में से यदि मैंने एक भी तोड़ा तो मैंने पाप किया है |प्रभु यीशु मसीह ने सारी आज्ञाओं को बहुत सरलता से समझाया |परमेश्वर को अपने पूरे ह्रदय से प्यार करो और दूसरों से अपने जैसा प्यार करो |
मेरे सारे पाप परमेश्वर के खिलाफ हैं और लोगों के भी| वह मेरे ह्रदय को देख भी सकता है और पाप का कारण भी जानता है |मैं कुछ भी छुपा नहीं सकता हूँ | परमेश्वर से धोखा नहीं करसकता – बाहर अच्छा व्यक्ति बनूं और अंदर से दुष्ट परमेश्वर की नज़र में कितना बड़ा पापी हूँ मुझे पता चल गया है |मैं यीशु प्रभु को बेहद प्यार करता हूँ और परमेश्वर को, नापसंद कोई भी काम नहीं करना चाहता हूँ | मैं दीन होकर परमेश्वर से अपने सारे पापों की माफ़ी मांगता हूँ |मझे परमेश्वर की महिमा के लिए जीवन जीना है | पुराने पापी जीवन में वापस नहीं जाना है | मेरे मुक्तिदाता की बेइज़्ज़ती नहीं होनी चाहिए |
2 कुरिन्थियों 5: 17: बाइबिल बताती है “यदि कोई प्रभु यीशु में है तो वह नयी सृष्टि है | पुरानी बातें बीत गयी | सब कुछ नया हो गया है |”
प्रार्थना – प्रभु परमेश्वर, मैं पूरी श्रद्धा से आपको ह्रदय दूंगा पाप न करने में मेरी सहायता कीजिये |