कदम 18: पवित्र आत्मा हमारा सहायक और मार्गदर्शक

प्रभु यीशु ने क्रूस पर अपनी जान देने से पहले अपने शिष्यों से कहा: जब वह अर्थात् सत्य का आत्मा आएगा तो तुम्हें सब सत्य का मार्ग बताएगा| यूहन्ना 16 :13

जब प्रभु यीशु स्वर्ग चले गए, पवित्र आत्मा सारे शिष्यों के ऊपर आ गया | वे ज्ञान और शौर्य और हिम्मत से भर गये ताकि वे प्रभु यीशु के लिए जीकर, सबको उनके बारें में बताएं|

पवित्र आत्मा किस तरह हमारा मार्गदर्शन करता है ?

जब मैंने अपना दिल पवित्र आत्मा को दे दिया – एक शांत आवाज़ मेरे दिल में मेरे से बात करने लगी – यह पवित्र आत्मा कि आवाज़ थी|

जब मैं कुछ गलत करता हूँ वो मुझे चेतावनी देता है | वो मुझे सच्चाई की ओर ले चलता है| और  मुझे परमेश्वर तक पहुंचने के लिए राह दिखाता है|

वो मेरे बीते हुए पापों से पश्चाताप करने के लिए मेरी सहायता करता है| मैं परमेश्वर से अपने हर पाप के लिए माफ़ी मांगता हूँ|

वो मुझे बाइबिल से ख़ास खास वचन दिखाता है जिसकी मुझे उस दिन के लिए या उस हालात् के लिए जरूरत है| वो मुझे कैसे प्रार्थना करना और क्या प्रार्थना करना यह भी सिखाता है|

वह बाइबिल की सच्चाईयां मुझे सिखाता है और बाइबिल की बातों पर रौशनी डालता है ताकि मैं उन्हें समझ सकूँ| जब मैं बीमार, दुखी या अकेला रहता हूँ, वो मुझे दिलासा देता है| वो मेरे बदले परमेश्वर से प्रार्थना करता है|

प्रभु यीशु ने मेरे लिए क्या किया, जब मैं सब को बताना चाहता हूँ, वो मुझे साहस देता है और इस काम को करने के लिए मुझे सिखाता है|

कितना आश्चर्य भरा तोहफा हमारे पिता की ओर से हमें मिला| उसने हमें अकेले कष्ट उठाकर ज़िन्दगी पार करने  नहीं छोड़ा वरन् पवित्र आत्मा को हमारे साथ हमेशा के लिये रहने को भेज दिया|

प्रार्थना : पवित्र आत्मा प्रभु, मैं धन्यवाद करता हूँ कि आप मेरे साथ रहते हैं और मेरा मार्गदर्शन करते हैं | मेरी सहायता कीजिये कि मैं आपकी आवाज सुनकर, आपके पीछे  चलूं|

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