कदम 12: क्रिसमस की कहानी — परमेश्वर हमारे साथ

जब बच्चे का जन्म होने का समय आ गया, मरियम और युसूफ घर से दूर बेतलेहेम में थे |सराय में उनके लिए कोई जगह नहीं थी| उनके बच्चे का जन्म एक पशुशाला की चरणी में हुआ और उसकी माता ने उसे चरणी में रख दिया | परमेश्वर का पुत्र इस पापी दुनिया में आप के और मेरे लिए आया | हम अपने पापों के कारण परमेश्वर तक नहीं पहुँच सकते थे, इसलिए प्रभु ने हमारे लिए धरती पर जनम लिया |उस रात सभी ओर सन्नाटा था |अचानक परमेश्वर ने स्वर्ग दूतों की गायक मंडली को अपने बेटे के जन्म की घोषणा करने भेजा, उस क्षेत्र में रहने वाले विनम्र चरवाहों के पास |

बाइबिल कहती है परमेश्वर की महिमा उसके आस पास चमकने लगी | “एक स्वर्ग दूत ने चरवाहों को बताया कि, एक उद्धार कर्ता, जो मसीह प्रभु है उनका जन्म एक पशु शाला में हुआ है |” स्वर्ग दूतों की गायक मण्डली ने गया “परमेश्वर की महिमा हो, और धरती पर सभी लोगों में शांति और सद्भावना हो |” चरवाहे नवजात उद्धार कर्ता को देखने के लिए तुरंत गए और उसके बारे में सब को लोगों बताया |परमेश्वर ने आकाश में एक विशेष तारा रखा | यह तारा पूर्व से आये कुछ बुद्धिमान पुरुषों को यीशु मसीह के पास तक पहुंचने के लिए निर्देशित करता रहा | वे एक राजा की तलाश में आये थे और कई दिनों से तारे का पीछा कर रहे थे |जब उन्हों ने विनम्र माता- पिता के साथ बच्चे को पाया, शक नहीं किया | वे खुश हुए और अपने घुटने टेककर आराधना की|उन्होंने एक राजा के लायक उसे मुल्यवान उपहार दिए |आज मैं राजा यीशु को एक उत्तम उपहार देना चाहता हूँ | मै उन्हें अपना दिल और जीवन देता हूँ| क्या आप भी उन्हें अपना दिल और जीवन देंगे ?

प्रार्थना :  “प्रभु यीशु आप इस पापी दुनिया में मेरे लिए आए, मैं धन्यवाद देता हूँ “|

 

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